नहीं भूल पाऊंगा तेरी बाहों के दायरे, क्या एक बार फिर प्यार, को निभाने आओगी।
ये बारिश आज मुझसे कुछ कह गयी, आज फिर हमारी बाहों में, उनकी कमी रह गयी, एक पल के लिए उसे छुआ मैंने, और आज फिर उसकी , याद बरसात में पानी की तरह बह गयी |
कोन है सिवा तेरे इन बाहों का , आ गले लग जा ,इंतज़ार है , तेरी इन बाहों का |
बातों बातों में दिल ले जाते हो देखते हो… इस तरह जान ले जाते हो… अपनी आदतों से दिल को धड़काते हो…. लेकर बाहों में तुम सारा जहान भुलाते देते हो… Happy Hug Day
मन ही मन करती है बातें, दिल की हर एक बात कह जाती हूँ, एक बार ले लो बाहों मै अब तो सजना, यहीं हर बात कहते कहते रुक जाती हूँ | Happy Hug Day
बाहों के दरमियाँ, अब दूरी न रहे.. सीने से लगा लो, कोई चाहत अधूरी न रहे.. Happy Hug Day